शेयर मार्केट का नाम सुनते ही लोग तरह-तरह में सुझाव देने लग जाते है कइयों का कहना है कि शेयर मार्केट सट्टा बाजार है तो कई लोग आपको इससे दूर रहने का सुझाव देंगे लेकिन आख़िर यह (शेयर मार्केट क्या है ?)Share market kya hai और क्या यह सच में सट्टा बाजार है ? आज इसी के ऊपर विस्तार से जानेंगे, तो लेख में अंत तक बने रहिये |
किसी भी जगह या फील्ड में अगर कोई व्यक्ति बिना ज्ञान के अपने पैसों को लगाता है तो उसे बेशक सट्टा खेलना ही कहा जायेगा | वैसे ही अगर आप शेयर मार्केट में बिना नॉलेज के पैसे लगाते है तो यह सट्टा खेलना जैसा ही है |
जब भी कोई नया व्यक्ति शेयर बाजार में क़दम रखता है तो वह कोशिश करता है कि उसे मार्केट से जुड़ी कही से टीप मिल जाये तो वे पैसे लगाकर उससे पैसे कमा सके |
अगर आपने डॉ.विवेक बिंद्रा सर का शेयर मार्केट वाला विडियो देखा है तो उसमे वे बड़ी अच्छी बात कहते है कि अगर आपको टीप चाहिए तो टीप रेस्टोरेंट में मिलती है | इसलिए शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए कम से कम इसके fundamentals के बारे में ज़रूर जान लें| Share market kya hai
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⚫ शेयर मार्केट क्या है? | शेयर मार्केट का मतलब क्या होता है | Share market kya hai samjhaie
Share market, Stock market या Equity market यह तीनों एक ही है | शेयर मार्किट या शेयर बाज़ार वह बाजार है जहां Stock exchange पर लिस्टेड (सूचीबद्ध) कम्पनीज के शेयर्स ख़रीदे व बेचे जाते है | किसी भी अन्य बाज़ार की तरह यहाँ भी अनेकों लोग एकत्रित होकर शेयर्स का मोल-भाव करते है और भाव जम जाने पर शेयर्स को ख़रीद व बेच देते है |
Share market kya hai |
1996 से पहले स्टॉक्स की ख़रीदी व बिक्री केवल स्टॉक एक्सचेंज में ही हुआ करते थे लेकिन 1996 में SEBI ने इसे कंप्यूटराइज्ड कर दिया जिसके बाद से ही किसी भी कम्पनी के शेयर्स आसानी से घर बैठे मोबाइल व कंप्यूटर की मदद से ख़रीदे व बेचे जा सकते है |Share market kya hai
⚫ शेयर मार्केट का इतिहास - History of Share market
शेयर बाजार का इतिहास बहुत पुराना है। इसकी शुरुआत हमें 17वीं सदी के एम्स्टर्डम, नीदरलैंड में मिलती है। वहां पर "डच ईस्ट इंडिया कंपनी" (VOC) के शेयरों को पब्लिक इश्यू किया गया था। वीओसी एक ट्रेडिंग कंपनी थी और ये पब्लिक इश्यू उनके बिजनेस के विस्तार और विकास के लिए फंड जुटाने का एक तरीका था। इस तरह के पब्लिक इश्यू और ट्रेडिंग सिस्टम को स्टॉक एक्सचेंज के रूप में व्यवस्थित किया गया था।
धीरे-धीरे, और दूसरे देश में भी शेयर मार्केट की व्यवस्था शुरू हुई। 18वीं और 19वीं सदी में, यूनाइटेड स्टेट्स, यूनाइटेड किंगडम और दूसरे यूरोपियन देशों में शेयर मार्केट का विकास हुआ। इस समय में भी शेयर बाजार ज्यादातर भौतिक स्थानों (ट्रेडिंग फ्लोर) पर होती थी, जहां पर ट्रेडर्स फिजिकली आकर शेयरों को ख़रीदा करते थे।
20वीं सदी के शुरू में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग का प्रयोग होने लगा। 1971 में NASDAQ (नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिक्योरिटीज डीलर्स ऑटोमेटेड कोटेशन) मार्केट शुरू हुआ, जो कि पहला पूर्ण तरह से इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंज था। इसके बाद कंप्यूटराइज्ड ट्रेडिंग सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन नेटवर्क (ईसीएन) का विकास हुआ, जिससे शेयर बाजार के कार्य व्यवस्था में बड़े बदलाव आए।
शेयर बाजार में 1980 और 1990 के दशक में कंप्यूटर और इंटरनेट का आगमन बहुत बड़ा परिवर्तन लाया। ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक ब्रोकरेज फर्मों ने निवेशकों को असानी से शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा दी। इससे शेयर मार्केट का प्रवेश आम लोगों के लिए भी संभव हुआ और निवेशक आधार में बड़ी वृद्धि हुई।
आज के समय में, शेयर मार्केट ग्लोबल स्केल पर बहुत बड़ा और व्यापक है। स्टॉक एक्सचेंज जैसे न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई), लंदन स्टॉक एक्सचेंज (एलएसई), टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज (टीएसई), शंघाई स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) आदि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। शेयर बाजार के कार्य व्यवस्था में टेक्नोलॉजी और नियमों का इस्तेमाल होता है, जिससे यह ट्रांसपैरेंट और एफ्फ़ीसिएंत ट्रेडिंग सिस्टम है।
इस तरह से शेयर बाजार का इतिहास लंबा और प्रासंगिक है। इसे व्यापार, निवेश और आर्थिक विकास के लिए महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
୦ Stock exchange क्या होता है ?
स्टॉक एक्सचेंज वह स्थान होता है जहां निवेशक और ट्रेडर्स स्टॉक/शेयर और बांड्स ख़रीद व बेच सकते है साथ ही अन्य वित्तीय साधनों पर व्यापार कर सकते है | भारत में दो मुख्य एवं पोपुलर स्टॉक एक्सचेंज है , BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) | यह दोनों ही मुंबई में स्थित है | आइये जानते है कि BSE और NSE को कौन represent करता है |
आपने अक्सर कही न कहीं यह ज़रूर सुना होगा की आज Nifty (निफ़्टी) इतना अंक नीचे गिरा या Sensex (सेंसेक्स) इतना अंक ऊपर चला गया, लेकिन आख़िरकार यह निफ़्टी और सेंसेक्स होता क्या है ? आइये जानते है -
- निफ़्टी 50 - यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में सूचीबद्ध भारत के टॉप 50 कम्पनीज का औसत होता है जो दर्शाता है की market का हाल कैसा है |
- सेंसेक्स - यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्टेड 30 बड़े कम्पनीज का representative है जो दर्शाता है कि BSE की टॉप कम्पनीज कैसा परफॉर्म कर रहीं है |
अभी तक आपने शेयर शब्द काफी बार सुन लिया है आख़िरकार यह शेयर क्या होता है?
୦ शेयर क्या होता है ? Shares kya hota hai
शेयर का अर्थ होता हिस्सा या अंश | किसी भी कंपनी का शेयर उस कंपनी का छोटा पार्ट यानि हिस्सा होता है | जिसे कम्पनीज बेचकर उसके बदले निवेशकों से पैसे ले लेती है |
कोई भी कंपनी शेयर/स्टॉक मार्केट में मुख्यतः तभी आता है जब उसे अपने बिज़नस को आगे बढ़ाने के लिए पैसो की आवश्यकता होती है | कंपनीज अपने कंपनी के शेयर्स के बदले लोगों से पैसे ले लेती है, जिससे निवेशक भी एक तरह से उस कंपनी का हिस्सेदार या मालिक बन जाता है |
यानि अगर कंपनी मुनाफ़ा कमाएगी तो निवेशक का भी मुनाफ़ा होगा और अगर कंपनी का नुक्सान होता है तो निवेशक का भी नुक्सान होगा|
शेयर क्या होता है यह जानने के बाद आप सोच रहे होंगे कि शेयर कैसे ख़रीदे जाते है | शेयर खरीदने के लिए सबसे पहले आपके पास Demat account होना जरूरी है जिससे आप ट्रेडिंग व इन्वेस्टमेंट कर पाएंगे |
୦ Demat account क्या होता है ?
Demat account वह जगह होता है जहा पर आपके शेयर्स स्टोर होते है | यह saving account जैसा ही होता है जिस तरह saving account में आपका पैसा रखा जाता है ठीक उसी तरह demat account में निवेशक द्वारा ख़रीदे गए शेयर्स/स्टॉक्स स्टोर होते है |
Demat account खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ -
Demat account खोलने के लिए आपके पास कुछ आवश्यक दस्तावेजों का होना बहुत जरूरी है, आइये उनके बारे में जानते है |
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- बैंक खाता
- मोबाइल नंबर
यह 4 डाक्यूमेंट्स मुख्य रूप से आवश्यक होते है demat account चालू करने के लिए | एक और जरूरी बात आपको बता दें कि demat account के साथ ही आपका ट्रेडिंग अकाउंट भी खुल जाता है |
୦ Trading kya hota hai
ट्रेडिंग एक व्यापारिक क्रिया है जिसमें स्टॉक, करेंसी, कमोडिटीज, और अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स को खरीदना और बेचना होता है। ट्रेडिंग में, व्यापारी (ट्रेडर) शॉर्ट-टर्म प्राइस मूवमेंट्स और मार्केट वोलैटिलिटी का फ़ायदा उठाकर प्रॉफिट कमाने की कोशिश करते हैं।
शेयर बाजार में ट्रेडिंग दो प्रमुख तरीक़े से किया जाता है:
1. बाय एंड होल्ड (निवेश): इस तरीक़े में, निवेशक एक स्टॉक को खरीदकर उसे समय के साथ बढ़ने का इंतजार करते हैं। निवेशक समझता है कि स्टॉक की कीमत समय के साथ बढ़ेंगे और लॉन्ग टर्म में फायदा होगा। इस तरीक़े में स्टॉक्स को लम्बे समय तक होल्ड किया जाता है।
2. एक्टिव ट्रेडिंग: एक्टिव ट्रेडिंग में, व्यापारी स्टॉक्स को छोटे समय अवधि के लिए खरीदे और बेचते हैं, ताकि छोटी-मोटी प्राइस मूवमेंट से लाभ उठाया जा सके। डे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, और स्कैल्पिंग जैसे तरीक़े इसमें शामिल है। एक्टिव ट्रेडर तकनीकी विश्लेषण(technical analysis), चार्ट और इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करते हैं ट्रेडिंग डिसिशन लेने के लिए|
⚫ शेयर कैसे ख़रीदे व बेचे | शेयर मार्केट में निवेश कैसे करें ?
आइये जानते है कैसे आप स्टॉक ख़रीद व बेच सकते है -
- एक कंपनी का चुनाव करें, जिसपर आप अपना पैसा इन्वेस्ट करना चाहते है |
- एप्प ओपन करें जिसपर आपने demat account खोला है |
- अब सर्च बार पर कमपनी का नाम सर्च करें |
- सर्च बार के नीचे आपको कंपनी का नाम देखने मिलेगा उसपर क्लिक करें |
- क्लिक करते साथ ही आपको कंपनी का ग्राफ देखने मिलेगा साथ ही नीचे दो बटन्स भी दिखाई देंगे BUY एंड SELL का |
- शेयर खरीदने के लिए BUY के बटन पर क्लिक करें
- आप कितना शेयर खरीदना चाहते है वह लिखें साथ ही intraday या Delivery में से किसी एक आप्शन का चयन करें |
- शेयर्स के नंबर्स डालने के बाद आपको टोटल अमाउंट देखने को मिल जायगा (आप चाहे तो अमाउंट पर लिमिट लगा सकते है यानि जब स्टॉक का प्राइस आपके द्वारा लगाये गए लिमिट प्राइस पर आएगा तो वह अपने आप ही खरीदा जायेगा ) |
- और BUY के बटन पर क्लिक करके आप अपना आर्डर कन्फर्म कर सकते है |
तो कुछ इस प्रकार आप शेयर्स ख़रीद सकते है | अब बात करते है कि आप ख़रीदे हुए शेयर्स को कैसे बेच सकते है -
⚫ शेयर कैसे बेचे |
- ट्रेडिंग एप्प खोलें |
- Holdings के सेक्शन पर जाये और आप जिस शेयर को बेचना चाहते है उसपर क्लिक करें |
- क्लिक करने के बाद SELL के बटन पर क्लिक करें |
- उसके बाद आप जितने शेयर्स बेचने चाहते है उतना नंबर डालें |
- साथ ही आप मार्केट प्राइस या प्राइस लिमिट सेट कर सकते है जिससे आपके द्वारा सेट किये प्राइस पर शेयर अपने आप बिक जायेगा |
- उसके बाद SELL के बटन पर क्लिक कर देना है |
इस प्रकार आपके शेयर्स सेल हो जाते है |
୦ इन्वेस्टमेंट के लिए एक अच्छे स्टॉक का चयन कैसे करें ?
हम अपने डेली लाइफ में अनेकों प्रोडक्ट का उपयोग करते है, और अगर आप एक बार उन कंपनी के बारे में स्टॉक मार्केट में सर्च करके देखेंगे तो ज़्यादातर चांसेस है कि वह कंपनी आपको स्टॉक मार्केट में लिस्टेड मिलेगी |
उदाहरण के तौर पर आप बाइक तो चलाते ही होंगे तो जब आप बाइक में पेट्रोल डलाने जायेंगे तो आप कौनसी कंपनी के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डला रहे है उसे नोट कर सकते है ऐसे ही आप अपने गाड़ी में टायर कौनसी कंपनी का लगवाते है उस कंपनी का नाम नोट कर सकते है |
उसके बाद आपको उन कम्पनीज के नाम स्टॉक मार्केट में लिस्टेड है या नहीं यह चेक करना है | अब ये सब करने के बाद अगर आपको वह कम्पनीज लिस्टेड मिलती है तो आप अपने हिसाब से उन कम्पनीज में अपने पैसे इन्वेस्ट कर सकते है |
अगर आप इसी प्रकार अपने आस-पास देखेंगे तो आपको अनेकों कम्पनीज के नाम मिल जायेंगे , जिनके बारे में आप थोड़ा रिसर्च करके उन कम्पनीज पर अपने पैसे निवेश कर सकते है |
यह सुझाव देने का हमारा अर्थ यह है कि इन कम्पनीज के प्रोडक्ट्स हमारे रोजमर्रा की जीवन में काम आती है और यह तो होने वाला नहीं है कि आगे चलकर हमे इनकी ज़रूरत ना हो, क्योंकि अगर लोगों के पास गाड़ी है तो उसे चलने के लिए उन्हें पेट्रोल या डीजल की आवश्यकता भी ज़रूर होगी |
यानि इन कम्पनीज के भविष्य में ग्रो होने के चांसेस काफ़ी ज्यादा है | और अगर कम्पनी ग्रो होगी तो इससे इनके निवेशकों के पैसे भी ग्रो करेंगे | शेयर मार्केट क्या है?
୦ शेयर मार्केट कैसे सीखे और समझें ?
आज के समय में कोई भी व्यक्ति इन्टरनेट के माध्यम से किसी भी फील्ड के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है, इन्टरनेट पर आपको अनेकों वीडियोस एवं आर्टिकल्स मिल जायेंगे जिनके माध्यम से आप शेयर मार्केट के बारे में सीख सकते है | youtube पर आपको ऐसे बहुत से चैनल देखने को मिल जायेंगे जिन्होंने शेयर मार्केट के ऊपर पूरी प्लेलिस्ट बना रखी है |
ठीक उसी प्रकार गूगल पर आपको अनेकों आर्टिकल्स देखने मिल जायेंगे जिन्हें पढ़ कर आप शेयर बाजार को सीख व समझ सकते है |
लेकिन शेयर मार्केट को समझने का सबसे श्रेष्ठ तरीका है शेयर बाजार से जुड़ी क़िताबे पढ़ना जिनमें The Intelligent Investor एक काफ़ी पोपुलर एवं पसंदीदा किताब में से एक है | इसके अलावा आप इस फील्ड में एक्सपर्ट रह चुके लोगों के बारे में पढ़ सकते है | इनसे आपको शेयर बाजार क्या होता है ? के बारे में और अच्छे से समझ आएगा |
⚫शेयर मार्केट से पैसे कमाने के तरीके - Share bajar se paise kaise kamaye
शेयर मार्केट में पैसा invest करने का मुख्य कारण उससे पैसे कमाना ही है या कईयो का मुख्य कारण अपने पैसो की वैल्यू बढ़ाना है| क्योंकि अगर कोई व्यक्ति अपने पैसो को saving account में रखता है तो उसमें उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा 4 से 5 प्रतिशत तक का ब्याज़ (interest) दर बैंक द्वारा दिया जाता है| वही अगर वह व्यक्ति उन्ही पैसों को स्टॉक मार्केट में सही से निवेश करता है तो वह 12 से 18 प्रतिशत तक का रिटर्न्स कमा सकता है |
आइए उन मुख्य तरीकों के बारें में जानते है जिनसे आप शेयर मार्केट से पैसे कमा सकते है -
1. लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट:
इस लोकप्रिय तरीके में, आप स्टॉक्स को लॉन्ग-टर्म के लिए खरीदते हैं और उन्हें समय के साथ बढ़ने देते है और व्यापारिक उत्कर्ष का लाभ उठाते हैं। इस तरीके में आप कंपनी के फंडामेंटल्स और ग्रोथ प्रॉस्पेक्ट्स पर ध्यान देते हैं।
2. शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग:
शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग में, आप स्टॉक्स को छोटे समय अवधि के लिए खरीदते हैं और उन्हें जल्दी बेच देते हैं, प्रॉफिट कमाने के लिए। डे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, और मोमेंटम ट्रेडिंग इसमें शामिल है। इसमें टेक्निकल एनालिसिस और मार्केट की छोटी-मोटी घाटनें समझने पर ध्यान देते हैं।
3. डिविडेंड इन्वेस्टिंग:
कुछ कंपनियां नियमित डिविडेंड देती हैं अपने शेयरधारकों को। डिविडेंड इन्वेस्टिंग में, आप डिविडेंड पेइंग स्टॉक्स को चुनते हैं ताकि आप रेगुलर इनकम जेनरेट कर सकें। ये लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग के साथ मिलकर एक स्थिर आय स्रोत बन सकता है।
4. आईपीओ में निवेश:
इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) में एक प्राइवेट कंपनी अपने शेयर को पब्लिक के लिए बेचती है। अगर आप आईपीओ में निवेश करते हैं, और स्टॉक प्राइस लिस्टिंग के बाद बढ़ता है, तो आपको प्रॉफिट मिल सकता है। आईपीओ निवेश में ज्यादा रिसर्च और ड्यू डिलिजेंस की जरूरत होती है।
5. म्युचुअल फंड:
म्युचुअल फंड एक तरह के निवेश माध्यम है जहां मल्टीपल इनवेस्टर्स का पैसा एक साथ एक फंड में जमा किया जाता है। म्युचुअल फंड डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो ऑफर करता हैं और प्रोफेशनल फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधन किया जाता हैं। आप म्युचुअल फंड में निवेश करके शेयर बाजार के साथ जुड़े जोखिम को कम कर सकते हैं।
6. एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs):
ETFs एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो होता हैं जिसमें मल्टीपल स्टॉक्स, indices, या कमोडिटीज शामिल होते हैं। ईटीएफ शेयरों की तरह ट्रेड किया जा है और इनका प्राइस लाइव मार्केट के अनुसार बदलता है। ईटीएफ आपको एक से अधिक स्टॉक का एक्सपोजर देते हैं एक ही निवेश के तहत।
7. ऑप्शन ट्रेडिंग:
ऑप्शन ट्रेडिंग में, आप buying और selling ऑप्शन का इस्तेमाल करके मार्केट की वोलैटिलिटी और प्राइस मूवमेंट से फायदा उठा सकते हैं। ऑप्शंस एक कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जिसमें आप स्टॉक को खरीदने या बेचने का अधिकार रखते हैं, लेकिन कोई समर्थन नहीं है। ऑप्शन ट्रेडिंग एडवांस्ड लेवल का है और इसमें ज्यादा ध्यान और समझ की जरूरत होती है।
ये कुछ प्रमुख तरीके है शेयर बाजार से पैसे कमाने के। हर तरीके के साथ सही जानकरी, रिसर्च और रिस्क मैनेजमेंट जरूरी होती है। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, अपने वित्तीय लक्ष्य और जोखिम सहनशीलता को समझे और अपने लिए सही तरीके का चुनाव करें।
୦ शेयर मार्केट का गणित - Share market kya hai
अगर आप सच में share market से पैसा कमाना कहते है तो इसके लिए आपको longterm के लिए अपने पैसो को इन्वेस्ट करना चाहिए अब यह सुझाव तो सभी देते है आपने वारेन बुफ्फेत के बारें में सुना ही होगा वे ऐसे ही रातो रात दुनिया के अमीर आदमी नहीं बने है , आज वे जहा भी है उसका मुख्य कारण उनका longterm के लिए किया गया इन्वेस्टमेंट और पेशेंस है |
इन्वेस्टमेंट में compounding का भी बड़ा रोल होता है क्योंकि इसमें आपके पैसों पर बनें इंटरेस्ट (ब्याज़ ) पर इंटरेस्ट बनता है जिससे आपका पैसा और ज़्यादा ग्रो करता है |
୦ शेयर मार्केट क्रेश क्यों होता है | share market ke down hone ka karan
शेयर बाजार के क्रेश होने के अनेकों कारण हो सकते है| यहां कुछ प्रमुख कारण है:
1. अटकलें और निवेशक भावनायें: शेयर बाजार का गिराव इन्वेस्टर के व्यवहार और भविष्यवाणी पर आधारित होता है। अगर बाजार में अधिकतर निवेशक एक ही समय पर शेयर बेचते हैं, तो शेयर की कीमतों में कमी हो सकती है और इससे मार्केट क्रैश हो सकता है।
2. आर्थिक कारक: किसी देश या वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार या खराब के कारण भी शेयर मार्केट क्रैश हो सकता है। जैसी की मंदी, उचित नीतियों की कमी, निवेशकों के कम विश्वास, कम रोजगार की समस्या, जीडीपी का घाटना, कर्ज, आदि।
3. भू-राजनीतिक घटनाक्रम: राजनीतिक और भूगोलिक घाटनाएं भी शेयर मार्केट क्रैश का कारण बन सकती है। जैसे की युद्ध, कट्टर राजनीति, भ्रष्टाचार, प्रतिक्रिया, प्राकृतिक आपदाएं, या अन्य प्रकारों की आक्रमणकारी घटनाएं।
4. ब्याज दरें: जब सेंट्रल बैंक या सरकार द्वारा ब्याज दर में बदलाव होता है, तो इसका असर बाजार में भी दिखता है। उच्च ब्याज दरों की स्थिति में, निवेश को डेट इंस्ट्रूमेंट्स (debt instruments) जैसे बॉन्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट में अधिक रूप से रूपांतर करने का प्रवृत्ति होता है, जिससे शेयर मार्केट में कम उत्साह होता है और ये क्रैश हो सकता है।
5. कॉर्पोरेट आय: अगर किसी समय पर किसी बड़े कंपनी या सेक्टर के कॉर्पोरेट आय कम हो जाती है, तो इससे निवेशकों का विश्वास कम हो जाता है और शेयर मार्केट क्रैश का खतरा बढ़ जाता है।
ये सिर्फ कुछ मुख्य कारण है। शेयर मार्केट क्रैश का कारण और प्रभाव अक्सर बहुत कॉम्प्लेक्स होता है और कई फैक्टर्स को समावेश करता है।
୦ Share market books - शेयर मार्केट कैसे सीखे Books
यहां कुछ प्रमुख किताबें हैं जो शेयर बाजार और उससे जुड़ी तथ्यों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करती है:
1. बेंजामिन ग्राहम द्वारा "द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर":
ये किताब शेयर मार्केट की सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण किताबों में से एक है। बेंजामिन ग्राहम, जो वॉरेन बफेट के गुरु के तौर पर जाने जाते हैं, उनके द्वारा लिखी गई है। इसमें वित्तीय सुरक्षा, स्टॉक वैल्यूएशन, और सेंसिबल इन्वेस्टिंग के बारे में ज्ञान दिया गया है।
2. फिलिप फिशर द्वारा "कॉमन स्टॉक्स एंड अनकॉमन प्रॉफिट्स":
ये किताब फिलिप फिशर द्वारा लिखी गई है, जो एक सफल निवेशक है। इसमें उन्होंने अपना निवेश दर्शन, कंपनी के मौलिक विश्लेषण(fundamental analysis), और स्टॉक चयन करने के तरीके को समझाया है।
3. बर्टन मल्कील द्वारा "ए रैंडम वॉक डाउन वॉल स्ट्रीट":
ये किताब एक मॉडर्न क्लासिक है, जोकि एक प्रसिद्ध वित्तीय लेखक, बर्टन मल्कील द्वारा लिखी गई है। जो शेयर बाजार की सही दिशा-निर्देश और निवेश सिद्धांतों को समझाती है। इस किताब में कुशल बाजार परिकल्पना, पोर्टफोलियो विविधीकरण, और इंडेक्स इन्वेस्टिंग के बारे में बताया गया है।
4. जॉन सी. बोगल द्वारा "द लिटिल बुक ऑफ कॉमन सेंस इन्वेस्टिंग":
जॉन सी. बोगल, वैनगार्ड ग्रुप के संस्थापक, द्वारा लिखी गई ये किताब पैसिव इनवेस्टमेंट के महत्व को सझाने में मदद करती है। यह क़िताब इंडेक्स फंड और कम लागत वाले निवेश के बारे में जानकरी प्रदान की गई है।
5. एडविन लेफ़ेवर द्वारा "Reminiscences of a Stock Operator":
ये एक स्मृति-ग्रन्थ है जो एक प्रसिद्ध स्टॉक ट्रेडर जेसी लिवरमोर के जीवन पर आधारित है। इसमें ट्रेडिंग साइकोलॉजी, मार्केट ट्रेंड्स, और रिस्क मैनेजमेंट के प्रासंगिक तथ्यों को दरसाया गया है।
ये कुछ क़िताबें है जिन्हें पढ़कर आप शेयर मार्केट की तथ्यों को समझने और अपने इन्वेस्टिंग स्किल को सुधारने में मदद ले सकते हैं। यह एक शुरुआत है और आपको अपनी स्पेसिफिक इंटरेस्ट और गोल्स (लक्ष्य) के अनुसार और भी किताबें ढूंढनी व पढ़नी चाहिए।
⚫ क्या शेयर मार्केट को सट्टा बाजार कहना उचित है ?
देखिए शेयर मार्केट व सट्टा बाजार दोनों ही बिलकुल अलग-अलग कांसेप्ट है| इनमें कुछ मुख्य अंतर है जिनके बारे में हम आपको नीचे बताने वाले है :-
1. उद्देश्य: शेयर बाजार का उद्देश्य कंपनियों के विकास और निवेशकों को निवेश के अवसर मुहैया कराना होता है। सट्टा बाजार का लक्ष्य सिर्फ पैसा कमाना है, जिसमें अनिश्चित और अधिकारिक रूप से अनुचित तरीक़े से पैसा लगाया जाता है।
2. व्यवसायिक प्रक्रिया: शेयर बाजार में व्यवसायिक तत्व होते हैं, जैसे की कंपनियां, ब्रोकर्स, स्टॉक एक्सचेंज, और रेगुलेटर। सट्टा बाजार में व्यक्ति बिना व्यावसायिक तर्क और तत्व के पैसे लगाते हैं, जिससे उनका व्यावसायिक विकास नहीं होता।
3. जोखिम और प्रतिफल: शेयर बाजार में निवेश करने और कंपनियों के शेयर खरीदने या बेचने के साथ-साथ, व्यापारिक जोखिम और रिटर्न जुड़ा होता हैं। सट्टा बाजार में सट्टा लगाकार सिर्फ पैसा कमाने का प्रयास होता है, जिसमें रिस्क और रिटर्न का व्यवसायिक तैयारी और ताजुरबा नहीं होता है।
इन सभी अंतर को पढ़ने के बाद आप समझ गये होंगे की शेयर मार्केट को सट्टा बाजार कहना बिलकुल ही अनुचित है क्योंकि शेयर बाजार में नियम और प्रावधान के पालन के साथ समय और जानकारी के साथ निवेश किया जाता है वही सट्टा बाजार या जुए से बचना चाहिए, क्योंकि ये कानूनी प्रतिक्रियाओं के विरुद्ध है और अनिश्चत नुक्सान का कारण बन सकता है।
୦ निष्कर्ष :- शेयर मार्केट क्या है ?
आज के इस लेख में हमनें जाना की आख़िरकार Share market kya hai और यह कैसे काम करता है | अगर आपको हमारे लेख से कुछ सिखने मिला हो तो इसे अपने मित्रों व परिवार वालों के साथ ज़रूर करें |
और ऐसे ही स्टॉक मार्केट, मेक मनी ऑनलाइन व फाइनेंस से जुड़ी जानकारी के लिए हमारे अन्य लेखों का पाठ ज़रूर करें |
FAQs :-
भारत में शेयर बाज़ार कहाँ है ?
भारत में दो मुख्य Stock exchange ( शेयर बाज़ार ) है NSE और BSE, यह दोनों ही मुंबई में स्थित है |
भारत में कुल कितने शेयर बाजार है ?
SEBI के मुताबिक भारत में 7 स्टॉक exchange है जो कि अभी एक्टिव है |
भारत में सबसे महंगा शेयर कौन सा है ?
MRF भारत का सबसे महंगा शेयर है जिसका प्राइस अभी 89,000 रुपये के आस पास है |
शेयर मार्किट में कितना पैसा लगा सकते है ?
शेयर मार्केट में पैसे लगाने की कोई सीमा नहीं है , आप जितना चाहे उनते पैसे शेयर बाजार में लगा सकते है |
शेयर कब ख़रीदे और कब बेचे ?
जब शेयर मार्केट डाउन चल रहा हो तब शेयर खरीदने चाहिए वही जब मार्केट अप चल रहा हो तब शेयर बेचने चाहिए |