Nifty kya hota hai - अगर आपको शेयर मार्केट के बारें में थोड़ा नॉलेज है तो आपने निफ़्टी 50 के बारे में ज़रूर सुना होगा | Nifty 50 NSE का इंडेक्स है जो यह दर्शाती है की मार्केट का हाल कैसा है |
आज के इस लेख में हम आपको इस के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है कि आख़िरकार निफ़्टी क्या होता है ? Nifty meaning in hindi तो लेख में अंत तक ज़रूर बने रहे लेख काफ़ी informative होने वाला है |
{tocify} $title = {Table Of Content}
निफ़्टी क्या होता है ? Nifty kya hota hai | Nifty meaning in hindi
निफ्टी एक बहुत ही प्रसिद्ध स्टॉक मार्केट इंडेक्स है जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (NSE) पर ट्रेड किया जाता है निफ्टी का पूरा नाम National Stock Exchange Fifty (NSE-50) है और यह इंडिया के 50 सबसे बड़े और उत्कृष्ट कम्पनीज के स्टॉक्स का एक कॉम्बिनेशन है।
निफ्टी का प्रारंभिक बेस ईयर 1995-96 था और उस समय यह 1000 पॉइंट्स का था । निफ्टी की कैलकुलेशन फ्री फ्लोट मार्केट केपीटलाइजेशन के ऊपर की जाती है इसका मतलब है कि केवल पब्लिकली ट्रेडेड शेयर्स की मार्केट केपीटलाइजेशन को ही काउंट किया जाता है। जिस कंपनी की मार्केट केपीटलाइजेशन ज्यादा होती है उसका इंपैक्ट निफ़्टी इंडेक्स पर अधिक होता है।
निफ़्टी इंडेक्स को स्टॉक मार्केट के इन्वेस्टर और ट्रेडर के बीच एक इंपॉर्टेंट बेंच मार्क माना जाता है। इस इंडेक्स के द्वारा स्टॉक मार्केट की हलचल का अंदाजा लगाया जाता है और मार्केट के ट्रेंड का पता लगता है। इसलिए, इन्वेस्टर और ट्रेडर निफ्टी की परफॉर्मेंस पर नजर रखते हैं और मार्केट का एनालिसिस करते हैं।
निफ़्टी इंडेक्स में शामिल कंपनी के स्टॉक्स की वैल्यू को प्रभावित करने वाले सेक्टर में जीडीपी, इन्फ्लेशन रेट, कंपनी प्रॉफिट और ग्लोबल मार्केट के ट्रेंड शामिल है। निफ्टी में शामिल कम्पनीज कई अलग-अलग सेक्टर से होते हैं, जैसे बैंकिंग, फॉरमा, ऑटोमोबाइल, आईटी, कंज्यूमर गुड्स, एनर्जी और टेलीकम्युनिकेशन । निफ़्टी क्या होता है ?
निफ्टी के स्टॉक्स की मूवमेंट के बारे में सही तरह से जानकारी रखते हुए इन्वेस्टर और ट्रेडर्स अपने इन्वेस्टमेंट डिसीजंस को सही तरह से ले सकते हैं। निफ्टी एक बहुत ही इंपॉर्टेंट और प्रसिद्ध फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है जो स्टॉक मार्केट के ट्रेंड को समझने के लिए बहुत इंपोर्टेंट है।
Nifty full form in hindi
Nifty का फुल फॉर्म "National Stock Exchange Fifty" (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी) है इसी को मिलाकर इसे शार्ट कर दिया गया है जिसे निफ़्टी के नाम से जाना जाता है |
निफ्टी कब और कैसे शुरू हुई थी? | निफ़्टी का इतिहास
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने अप्रैल 1992 में अपनी ऑपरेशन स्टार्ट की थी, और उसी साल निफ्टी भी लॉन्च किया गया था।
निफ्टी की शुरूआत की बात करें तो, पहले इंडिया में BSE (मुंबई स्टॉक एक्सचेंज) ही सबसे पॉपुलर स्टॉक एक्सचेंज था, लेकिन कुछ साल बाद NSE ने भी अपनी जगह बना ली। NSE ने अपने एडवांस टेक्नोलॉजी और ट्रांसपेरेंसी की मदद से इन्वेस्टर का भरोसा जीता और निफ्टी लॉन्च होते ही यह भी एक पॉपुलर स्टॉक इंडेक्स बन गया।
निफ्टी के 50 स्टॉक्स को NSE ने सिलेक्शन प्रोसेस की मदद से चयनित किया है। NSE मैं यह क्राइटेरिया रखा है कि निफ्टी में शामिल कंपनी फाइनेंशली स्ट्रांग होनी चाहिए हाई लिक्विडिटी के साथ ट्रेडिंग होना चाहिए और इंडस्ट्री में लीडिंग होना चाहिए । निफ़्टी की परफॉर्मेंस को ट्रैक करने के लिए NSE ने S&P Dow Jones Indices से पार्टनरशिप की है।
निफ्टी के स्टार्टिंग में बेस्ट वैल्यू 1000 रखी गई थी और 3 नवंबर 1995 को इसकी कैलकुलेशन शुरू हुई। इंडेक्स के स्टार्टिंग वैल्यू को 1000 पर सेट कर के इसके बदले में करंट प्राइस से इसकी मूवमेंट को ट्रैक किया जाता है।
Nifty meaning in hindi का लांच इंडियन स्टॉक मार्केट में एक इंपॉर्टेंट इवेंट था, क्योंकि इससे इन्वेस्टर्स को इंडियन स्टॉक मार्केट के टॉप 50 कंपनीज के परफॉर्मेंस को ट्रैक करने का ऑप्शन मिला। इससे इन्वेस्टर के लिए इन्वेस्टिंग डिसीजन लेने में हेल्प मिलती है ।
और यही कारण है कि आज, निफ्टी एक बहुत पॉपुलर और वाइडली ट्रैक्ड स्टॉक मार्केट इंडेक्स है, और इन्वेस्टर और ट्रेडर्स मार्केट ट्रेंड और परफॉर्मेंस को मॉनिटर करने के लिए इसका उपयोग करते हैं।
निफ्टी के प्रकार | Nifty meaning in hindi
लिपटी के कुछ प्रमुख प्रकार इस प्रकार हैं:
- Nifty50 : निफ़्टी 50 इंडिया का सबसे पॉपुलर स्टॉक मार्केट इंडेक्स है और इसमें टॉप 50 इंडियन कंपनी के स्टॉक शामिल होते हैं इस इंडेक्स की मदद से मार्केट के सेंटीमेंट और आर्थिक स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
- Nifty bank: निफ़्टी बैंक इंडेक्स में टॉप इंडियन बैंक के स्टॉक्स शामिल होते हैं। यह बैंक के स्टॉक्स के परफॉर्मेंस को ट्रैक करता है और इंडियन बैंकिंग इंडस्ट्री के ओवरऑल हेल्थ का पता लगाता है।
- Nifty Next 50: निफ़्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स में Nifty 50 के बाद के 50 कंपनी के स्टॉक्स शामिल होते हैं। यह कंपनी है निफ़्टी 50 में ना होने के बावजूद भी फाइनेंशली स्ट्रांग और high-performing कंपनी होते हैं।
- Nifty Midcap 100: निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में टॉप 100 इंडियन मिडकैप कंपनी के स्टॉक्स शामिल होते हैं। यह कंपनी nifty50 और निफ़्टी नेक्स्ट 50 में शामिल नहीं होते हैं, लेकिन फिर भी फाइनेंशली स्ट्रांग और high-performing होते हैं।
- Nifty Smallcap 100: निफ़्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में टॉप 100 इंडियन स्मॉल कैप कंपनीज के स्टॉक्स शामिल होते हैं। यह कंपनीज nifty50 निफ़्टी नेक्स्ट 50 और Nifty midcap 50 में शामिल नहीं होते हैं, लेकिन फिर भी फाइनेंशली स्ट्रांग और high-performing होते हैं।
- Sectoral Indices: इसके अलावा NSE के पास अलग-अलग सेंट्रल indices भी होते हैं जैसे Nifty IT, Nifty Pharma, Nifty FMCG जिनमें हर सेक्टर के टॉप स्टॉक्स शामिल होते हैं। इन indices के मदद से किसी भी सेक्टर के परफॉर्मेंस को ट्रैक किया जा सकता है।
निफ़्टी में निवेश कैसे करें?
निफ़्टी में निवेश करने के लिए आपको कुछ स्टेप फॉलो करने होंगे-
डिमैट एकाउंट खोलें: सबसे पहले आपको एक डीमैट अकाउंट ओपन करना होगा। डीमैट अकाउंट एक इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट होता है जिसमें आपके शेयर और सिक्योरिटी का रिकॉर्ड होता है। इसके बिना आप स्टॉक्स या सिक्योरिटीज ट्रेड नहीं कर सकते।
Research and Analysis: निफ्टी की परफॉर्मेंस को ट्रैक करें और उसके अंडरलाइंग कंपनीज को रिसर्च करें। उनकी फाइनेंशियल हेल्थ, ग्रोथ प्रोस्पेक्ट्स, कॉम्पिटिटर्स, मैनेजमेंट क्वालिटी, etc. के बारे में इंफॉर्मेशन कलेक्ट करें। आप फाइनेंशियल न्यूज़ पेपर, ऑनलाइन रिसोर्सेज और ब्रोकरेज फर्म से भी इंफॉर्मेशन कलेक्ट कर सकते हैं।
Brokerage firm का चयन करें: एक ब्रोकरेज फर्म सेलेक्ट करें जो आपके इन्वेस्टमेंट गोल्स और रिस्क ऐपेटाइट को समझता है। आपकी ब्रोकर आपको मार्केट ट्रेंड लेटेस्ट न्यूज़ और ट्रेडिंग स्ट्रैटेजिस के बारे में अपडेट करेगा।
ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी: ट्रेडिंग स्ट्रेटजी को डिसाइड करें। आपके पास दो ऑप्शन होते हैं शॉर्ट टर्म और लोंग टर्म ट्रेडिंग। शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में स्टॉक को परचेज और सेल करना आपके गोल्स को अचीव करने के लिए किया जाता है। लोंग टर्म ट्रेडिंग में स्टॉक्स को परचेस करने के बाद होल्ड किया जाता है और उन्हें आगे बढ़ने दिया जाता है।
ट्रेडिंग आर्डर प्लेस करें: निफ्टी के अंडर लाइंग कंपनी के स्टॉक्स को आप अपने ब्रोकर के मदद से ट्रेड कर सकते है। Buy और Sell ऑर्डर प्लेस करने के लिए आप ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का भी यूज कर सकते हैं ।
रिस्क मैनेजमेंट: निवेश करने से पहले अपना रिस्क मैनेजमेंट प्लान बनाएं। आपको स्टॉपलॉस लेवल सेट करने चाहिए, जिससे आप अपनी इन्वेस्टमेंट को प्रोटेक्ट कर सकते हैं।
इस तरीके से आप निफ्टी में निवेश कर सकते हैं। लेकिन, स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले, एक फाइनेंसियल एडवाइजर से कंसल्ट करना अच्छा होता है।
निफ्टी में कौन कौन सी कंपनी है ?
निफ्टी के टॉप फिफ्टी कंपनी रेगुलरली अपडेट किए जाते हैं लेकिन, यहां मैं आपको 50 कम्पनीज की करंट लिस्ट प्रोवाइड कर रहा हूँ:
- Adani Ports and Special Economic Zone
- Asian Paints
- Axis Bank
- Bajaj Auto
- Bajaj Finserv
- Bajaj Finance
- Bharat Petroleum Corporation
- Bharti Airtel
- Britannia Industries
- Cipla
- Coal India
- Divi's Laboratories
- Dr. Reddy's Laboratories
- Eicher Motors
- Grasim Industries
- HCL Technologies
- HDFC Bank
- HDFC Life Insurance Company
- Hero MotoCorp
- Hindalco Industries
- Hindustan Unilever
- Housing Development Finance Corporation
- ICICI Bank
- Indian Oil Corporation
- IndusInd Bank
- Infosys
- ITC
- JSW Steel
- Kotak Mahindra Bank
- Larsen & Toubro
- Mahindra & Mahindra
- Maruti Suzuki India
- NTPC
- Oil & Natural Gas Corporation
- Power Grid Corporation of India
- Reliance Industries
- State Bank of India
- Shree Cement
- Sun Pharmaceutical Industries
- Tata Consultancy Services
- Tata Consumer Products
- Tata Motors
- Tata Steel
- Tech Mahindra
- Titan Company
- UltraTech Cement
- UPL
- Wipro
- Zee Entertainment Enterprises
- Adani Enterprises
यह सभी कंपनी Nifty के करंट टॉप 50 स्टॉक में इंक्लूड होते हैं।
निफ्टी के फायदे व नुकसान
निफ्टी के फायदे व नुकसान कुछ इस तरह है-
फ़ायदे:
मार्केट ट्रेंड का पता लगाना: निफ्टी के मूवमेंट की मदद से मार्केट के ट्रेंड का पता लगाया जा सकता है। निफ्टी के मूवमेंट ऊपर जाने से मार्केट में पॉजिटिव सेंटीमेंट और इकोनामिक ग्रोथ का पता लगाया जा सकता है जबकि, निफ्टी की मूवमेंट नीचे जाने पर नेगेटिव सेंटीमेंट्स और इकनोमिक स्लोडाउन का पता लगाया जा सकता है।
Diversification: Nifty 50 in hindi इंडेक्स में टॉप 50 कंपनीज़ के स्टॉक्स शामिल होते हैं, जिससे इन्वेस्टर अपने इन्वेस्टमेंट को डायवर्सिफाई कर सकते हैं। डायवर्सिफिकेशन से इन्वेस्टर अपने रिस्क को कम कर सकते हैं और अपने इन्वेस्टमेंट को स्टेबल और बैलेंस्ड बना सकते हैं।
Passive Investing: निफ्टी की मदद से Passive investing किया जा सकता है passive investing में , इन्वेस्टर अपने इन्वेस्टमेंट को मार्केट इंडेक्स के मदद से ट्रैक करते हैं जिससे उन्हें एक्टिव इन्वेस्टिंग की तरह स्टॉक्स सेलेक्ट करने और मॉनिटर करने की जरूरत नहीं होती ।
नुकसान:
मार्केट वोलैटिलिटी: स्टॉक मार्केट में वोलैटिलिटी काफी कॉमन है, जिसके वजह से निफ्टी की मूवमेंट भी काफी अनपेक्षित हो सकती है। इससे निवेशकों के निवेश पर प्रभाव पड़ सकता है।
स्टॉक-विशिष्ट जोखिम: निफ्टी के माध्यम से निवेश करने से, निवेशक स्टॉक-विशिष्ट जोखिम से बच नहीं सकते हैं। यदि कोई स्पेसिफिक कंपनी की परफॉरमेंस में गिरावट आती है, तो इससे Nifty 50 in hindi इंडेक्स में उसकी वेटेज (weightage) भी घट सकती है, जिससे निफ्टी की ओवरऑल परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है।
रिटर्न की कोई गारंटी नहीं: निफ्टी का परफॉरमेंस और रिटर्न्स बाजार की स्थिति और आर्थिक कारकों के ऊपर निर्भर करता हैं, जिससे निफ्टी के प्रदर्शन के संबंध में कोई गारंटी नहीं होती। इससे निवेशकों को अपने निवेश के रिटर्न के बारे में अनिश्चितता का सामना करना पड़ सकता है।
निफ़्टी किससे संबंधित है?
निफ्टी का संबंध NSE से है। NSE जोकि इंडिया का लीडिंग स्टॉक एक्सचेंज है निफ्टी का क्रिएटर और ओनर है निफ्टी के अलावा एनएससी के पास और भी indices है, जैसे CNX Midcap, CNX Smallcap, और CNX 500, जो अलग-अलग कंपनी के स्टॉक्स को ट्रैक करते हैं।
निफ्टी का संबंध इंडिया के स्टॉक मार्केट और इकॉनमी से भी है, क्योंकि इसकी मूवमेंट मार्केट ट्रेंड्स और इकोनामिक कंडीशन को दर्शाता है जब निफ्टी की मूवमेंट ऊपर जाती है तो यह जनरली पॉजिटिव मार्केट सेंटीमेंट और इकोनामिक ग्रोथ को दर्शाता है और जब निफ्टी की मूवमेंट नीचे जाती है तो यह नेगेटिव मार्केट सेंटीमेंट और इकोनामिक स्लोडाउन को दर्शाता है। निफ़्टी क्या होता है?
निफ़्टी गिरने का कारण क्या है?
निफ्टी के गिरने का कारण कई तरह के फैक्टर्स हो सकते है । यहां कुछ कॉमन रीज़न है जो निफ्टी के गिरावट का कारण हो सकते हैं-
अंतरराष्ट्रीय बाजार के कारण: अगर ग्लोबल मार्केट में कोई नेगेटिव न्यूज़ आती है जैसे कि जियो पोलिटिकल टेंशन, इकोनामिक स्लोडाउन, ट्रेड वॉर इत्यादि तो यह भी निफ्टी की गिरावट का एक कारण हो सकता है।
घरेलू बाजार के कारण: यदि किसी बड़े इंडियन कंपनी के फाइनेंशियल रिजल्ट्स अच्छे नहीं होते हैं, कोई गवर्नमेंट पॉलिसी में चेंजेस आता हैं या फिर इकोनामिक इंडिकेटर में नेगेटिव ट्रेंड दिखाई देता है तो निफ्टी भी डाउन हो सकता है ।
इन्वेस्टर सेंटीमेंट: इन्वेस्टर सेंटीमेंट्स भी निफ्टी की गिरावट का एक बड़ा कारण हो सकता है अगर इन्वेस्टर को मार्केट में कॉन्फिडेंस नहीं है या फिर उन्हें कोई अनसर्टेनिटी का पता है, तो वह अपने स्टॉक्स को सेल कर सकते हैं और इससे निफ्टी भी गिर सकता है।
मुद्रा में अस्थिरता(Currency fluctuations) : अगर इंडियन करेंसी के अगेंस्ट USD, Euro, Pound etc. में कोई बड़ा मूवमेंट होता है, तो इससे भी निफ्टी को इंपैक्ट पड़ता है।
यह सभी फैक्टर्स निफ्टी की गिरावट का कारण हो सकते हैं लेकिन मार्केट के बिहेवियर और परफॉर्मेंस के लिए और भी फैक्टर्स होते हैं।
निफ़्टी कैसे कैलकुलेट किया जाता है ?
Nifty को आमतौर पर मार्केट कैप वेटेड स्टॉक इंडेक्स के रूप में कैलकुलेट किया जाता है, जिसमें सभी स्टॉकों का मूल्य उनकी मार्केट कैप के अनुसार वजन दिया जाता है। इसका मतलब है कि जितना अधिक किसी कंपनी का मार्केट कैप होता है, उतना ही अधिक उसका वजन Nifty में होता है।
Nifty में हर एक स्टॉक का वजन उसकी मार्केट कैप के अनुसार होता है। इसके लिए, प्रत्येक स्टॉक के मूल्य को उसकी मार्केट कैप से गुणा करके उसके साझा मूल्य का तात्पर्यिक वजन निर्धारित किया जाता है। इसके बाद, सभी स्टॉकों के साझा मूल्य का योग लिया जाता है। इस तरह से, Nifty का मूल्य निर्धारित किया जाता है।
ध्यान दें: Nifty का मूल्य प्रति सेकंड बदलता रहता है जो निर्धारित मूल्य से भिन्न हो सकता है|
Conclusion:- Nifty kya hota hai ?
आज के इस लेख में हमने जाना कि निफ़्टी क्या होता है ? Nifty meaning in hindi हमे आशा है की आपको इस लेख से कुछ सिखने मिला होगा | मनी शिक्षा में हम ऐसे शेयर मार्केट, फाइनेंस व बैंकिंग से जुड़ी जानकारी आपके लिए लाते रहते है | अगर आपको इनमे से किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करनी हो तो आप हमारे अन्य लेखों को भी देख सकते है |.
अन्य लेख :-